यूपी Policeने Vikash dubey के एक और साथी को पकड़ लिया है, जिसका नाम राजेंद्र कुमार मिश्रा है। 02 जुलाई की रात राजेंद्र कुमार मिश्रा ने भी विकास दुबे के साथ मिलकरpolice वालों पर हमला किया था। राजेंद्र कुमार मिश्रा की तलाश पुलिस 3 जुलाई से कर रही थी और अब इसे पकड़ लिया गया है। पूछताछ के दौरान राजेंद्र कुमार मिश्रा ने कई सारे राज खोले हैं। पुलिस अधीक्षक के अनुसार चौबेपुर के बिकरू गांव के राजेन्द्र कुमार मिश्रा को शिवराजपुर रोड पर गंगोत्री रॉयल पशु आहार फैक्टरी के गेट से पकड़ा गया। ये court में आत्मसमर्पण करने की कोशिश कर रहा था और अपने किसी परिचित से मिलने जा रहा था। इसपर पुलिस ने 50000रुपए का इनाम रखा था ।
बरसाई थी पुलिस पर गोलियां
इनामी बदमाश राजेंद्र कुमार मिश्रा ने policeको बताया कि किस तरह से vikash dubey ने पुलिस पर हमला करने की साजिश रची थी और उसने भी विकास दुबे का साथ इस अपराध में दिया था। 02 जुलाई को पुलिस की टीम पर हुए हमले में राजेंद्र कुमार मिश्रा का बेटा भी शामिल था। उसने अपने घर की छत पर खड़े होकर बेटे के साथ पुलिस पर फायरिंग की थी। राजेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार उसने पुलिस पर pistalसे फायरिंग की थी। जबकि बेटे प्रभात ने सेमी outometik pistalसे पुलिस पर हमला किया था। वहीं हमला करने के बाद राजेंद्र कुमार मिश्रा अपने बेटे के साथ फरार हो गया था और फरार होने से पहले इसने अपनी पिस्टल vikash dubey को दे दी थी।दरअसल विकास दुबे ने ही राजेंद्र कुमार मिश्रा को भागने को कहा था और पिस्टल उससे ले ली थी। ताकि पकड़े जाने पर हथियार की बरामदगी न हो पाए।
इनामी बदमाश राजेंद्र कुमार मिश्रा ने police को बताया कि किस तरह से विकास दुबे ने policeपर हमला करने की साजिश रची थी और उसने भी विकास दुबे का साथ इस अपराध में दिया था। दो जुलाई को पुलिस की टीम पर हुए हमले में राजेंद्र कुमार मिश्रा का बेटा भी शामिल था। उसने अपने घर की छत पर खड़े होकर बेटे के साथ पुलिस पर फायरिंग की थी। राजेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार उसने पुलिस पर पिस्टल से फायरिंग की थी। जबकि बेटे प्रभात ने सेमी आटोमेटिक पिस्टल से पुलिस पर हमला किया था। वहीं हमला करने के बाद राजेंद्र कुमार मिश्रा अपने बेटे के साथ फरार हो गया था और फरार होने से पहले इसने अपनी पिस्टल विकास दुबे को दे दी थी।दरअसल विकास दुबे ने ही राजेंद्र कुमार मिश्रा को भागने को कहा था और पिस्टल उससे ले ली थी। ताकि पकड़े जाने पर हथियार की बरामदगी न हो पाए।
Rajendra kumar mishra ने पूछताछ के दौरान बताया कि 8 पुलिसवालों को मारने के बाद ये आसपास के जिलों में छिपता रहा। ताकि ये किसी के हाथ ना चढ़ सके। इस दौरान राजेंद्र कुमार मिश्रा किसी रिश्तेदार के यहां नहीं गया। क्योंकि उसे पता था कि वहां से उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।
बेटे का किया जा चुका है एनकाउटंर
police ने बताया कि इसके बेटा प्रभात उर्फ कार्तिकेय भी बिकरू कांड का आरोपी था। उसे पुलिस ने haryanaके फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। प्रभात को बिकरू कांड के एक सप्ताह बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं जब उसे वापस कानपुर लाया जा रहा था तो उसने एक पुलिसकर्मी से पिस्तौल छीनकर टीम पर पर फायरिंग कर दी थी और बचाव में पुलिस ने उसे मार दिया।
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